अपने से बात तो कीजिए PRAKRITI DARSHAN पत्ते गिरते हुए भी मुस्कुरा रहे थेमैं आदमी होकर भी डरा सा हूँ। जगजीत जी की गज़ल सुन रहा था... कोई ये कैसे बताए कि वो तन्हा...