बचपन, घरौंदा और जीवन PRAKRITI DARSHAN बचपन तो बचपन होता हैकितना आसान था बचपन में पलक झपकते घर बनाना... और उसे छोड़कर चले जाने का साहस जुटाना... और टूटने पर दोबारा...
वन्य जीव का दर्द PRAKRITI DARSHAN तापमान चढ़ता जा रहा हैउस फोटोग्राफ ने मुझे हतप्रभ भी कर दिया और मैं गहरे तक अंदर पत्थर हो गया क्योंकि मैं उस तस्वीर में...
प्रेम प्रतिबिंब होता है PRAKRITI DARSHAN सौंदर्य की अपनी आयु है यकीन कीजिए प्रेम प्रतिबिंब होता है और मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ क्योंकि आप देखिएगा किसी सुर्ख गुलाब को देखने...
आज प्रकृति और वन्य जीव खतरे में हैं- सोचिए हम क्या अंकुरित कर रहे हैं..? PRAKRITI DARSHAN आज प्रकृति और वन्य जीव खतरे में हैं- सोचिए हम क्या अंकुरित कर रहे हैं..? स्कूल शिक्षा के लिए हैं, बच्चे सीखते हैं, किताबों से, प्रायोगिक...
किसी को बादल…किसी को बाढ़… PRAKRITI DARSHAN कुछ तो बदला हैहे ईश्वर ये कैसा दौर है, कहीं बारिश का इंतज़ार है तो कहीं बारिश प्रलय कही जा रही है। यह कैसा दौर...
ये जो मन है ना… PRAKRITI DARSHAN मन का आधार भाव और भावनाएं हैं यह मन उम्मीदों के गुब्बारे जैसा है, हर पल नई उम्मीद, बस खोजता ही रहता है। कई दफा मन...
मेरी फोटोग्राफी—नज़र का कमाल है PRAKRITI DARSHAN फोटोग्राफी नज़र और नजरियाये नज़र का कमाल है... अक्सर छत की मुंडेर या दीवार पर खुरचना या कुरेदना मानव प्रकृति है... कुरेदते वक्त हम अनायास...
उनसे भी सीखिए जो आपको नापसंद करते हैं PRAKRITI DARSHAN यही प्रकृति है और यही सचहम जब पिता की उंगली थामकर चलना सीखते हैं तब सबसे अधिक भरोसा भी उन्हीं पर करते हैं, एक दिन...
एक वृक्ष…चार पंछी PRAKRITI DARSHAN हमारे समाज को समझना होगायह तस्वीर मौजूदा दौर की सबसे खरी अभिव्यक्ति है, हममें से हरेक इसी तरह तो जी रहा है...। हरेक अंदर से...
विश्व पर्यावरण दिवस PRAKRITI DARSHAN मंथन कीजिएगा कि हम मौजूदा किस समय में हैं और बीता समय कैसा था, बहुत अंतर है दोनों में, साथ ही यह भी चिंतन कीजिएगा...