अपने रंग में मस्त PRAKRITI DARSHAN ये रंग प्रकृति के हैं और जीवन के भी...पहचानिये कौन सा रंग आप जैसा लगता है। कितना अच्छा होता कि ये रंग, ये पत्तियां और...
दरवाजा और लैटर बाक्स… PRAKRITI DARSHAN दरवाजे पर टंगा लैटर बाक्स भूखा है, काफी अरसा हुआ भावना में लिपटा कोई खत नहीं आया। देख रहा हूँ वो कारोबारी जैसा सलूक करने...
मरीचिका के पीछे प्यास होती है PRAKRITI DARSHAN बेशक इस धरा पर रेगिस्तान के होने को लेकर हमारे तर्क सवालिया निशान खडे़ करते रहें लेकिन हकीकत ये है कि उसके होने में हमारे भविष्य...
प्रेम तो प्रेम है PRAKRITI DARSHAN प्रेम की कोई परिभाषा नहीं होती, ये तो यूं ही सूखे पत्तों सा सजीव है, सच्चा है, ये नेह में गर्म हवाओं के पीछे दीवानों...
क्योंकि बर्फ हमेशा नहीं होगी हमारे बीच…। PRAKRITI DARSHAN ये सुनने में निश्चित ही अजीब लग रहा होगा लेकिन तासीर की बात करें तो बर्फ गर्म होती है, लेकिन महसूस ठंडी होती है...। वाह...
आओ पत्ते सा उड़कर देखें PRAKRITI DARSHAN मैंने कभी पेड़ से टूटे पत्तों से उनकी मरज़ी नहीं पूछी, एक खलिश सी मन में है कि टूटकर जब हवा हमारी मंजिल का निर्धारण...
ये कद का फलसफा PRAKRITI DARSHAN पर्वत...ये विशाल पर्वत...और इनमें हमारा रास्ता एक मोटी सी लकीर की भांति है...फिर क्यों पर्वतों से सीनाजोरी...। पर्वतों को इतना विशाल बनाया है फिर भी...
गुड़ का गूढ़ ज्ञान—-। PRAKRITI DARSHAN जिंदगी में गुड़ हो जाना आसान नहीं लेकिन जरूरी है। बहुत तपने के बाद गुड़ एक नई शक्ल और पहचान पाता है। तपने के बाद...
जिंदगी तेरा भी जवाब नहीं PRAKRITI DARSHAN जिंदगी तेरा भी जवाब नहीं, जिसे देने पर आए तो गंगू तेली को शहंशाह बना दे और छीनने पर आए तो आदमी को खच्चर बना...
…सुनो, वो घर आवाज देते हैं PRAKRITI DARSHAN घर, हां घर...। ऐसे ही कोई उन्हें छोड़कर कैसे जा सकता है...बेसहारा! ओह वो घर...सुनो, वो घर आवाज देते हैं...हर राहगीर को रोककर उससे पता...