तब कोई कविता अधर में नहीं छूटेगी PRAKRITI DARSHAN अमूमन मैं टीवी कम ही देखता हूं लेकिन इन दिनों इंडियन आइडल का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ख्यात और सदी के गीतकार...
ऐसे तो हार जाएंगे… हमेशा के लिए. PRAKRITI DARSHAN बहुत दिनों से सोच रहा था ये फोटोग्राफ पोस्ट करूँ...लेकिन समझ नहीं आया लिखूंगा क्या..? ये सच है... इसे आप नेचर मानें, राजनीति मानें, सिस्टम...
घर में एक झरोखा अवश्य रखना PRAKRITI DARSHAN अब न झरोखा है, न रोशनी, न ही उम्मीद, न ही कोई खिलखिलाती पत्तियों वाले नवयोवन से मदमस्त वृक्ष...। अब बस मकान है, मकानों के...
पत्थरों से बतियाती है क्रोधित नदी PRAKRITI DARSHAN किसी नदी के भीतर पत्थरों का शोर कभी सुना है, सुनियेगा क्योंकि वह शोर सामान्य नहीं होता। वार्तालाप होता है बहती हुई नदी और पत्थरों...
तिनकों का सौंदर्य PRAKRITI DARSHAN जी हां तिनकों का अपना समाज और अपना सौंदर्य होता है, सांझ को जब सूर्य धरती के दूसरे छोर पर सुस्ताने पैर लटकाए मुंडेर पर...
पहाड़ पर जीवन का भविष्य… PRAKRITI DARSHAN अगले अंक का विषय...पहाड़ पर जीवन का भविष्य...राष्ट्रीय मासिक ई पत्रिका ’ प्रकृति दर्शन’ का अगला अंक पहाड़, ग्लेशियर और प्रकृति पर केंद्रित रहेगा...। हाल...
रंग भी तराशे गए होंगे कुछ कोरी आंखों से PRAKRITI DARSHAN झरोखे सच कहते हैं... मन में दबा हुआ सच उन्हें महल का दरबान बना देता है... । मन से जिस्म तक घूरती आंखें अक्सर झरोखे...
विरक्ति और वैराग्य में अंतर है PRAKRITI DARSHAN विरक्ति और वैराग्य में अंतर है। दोनों अवस्था अलग हैं लेकिन श्रेष्ठ अवस्था किसे कहेंगे... क्योंकि दोनों में ही जीवन से दूरियां हैं...। संभव है...
’हमारी दुनिया में परिंदे’ PRAKRITI DARSHAN ’हमारी दुनिया में परिंदे’ प्रकृति दर्शन, ई-मासिक पत्रिका का ताजा अंक...। आप इसे गूगल प्ले बुक्स पर क्रय कर पढ़ सकते हैं...। इसके लिए नीचे...
दीयों का दर्शन PRAKRITI DARSHAN दीयों की लौ को देखा है, शांत एकाग्र होकर...। देखियेगा वो अस्थिर लौ हवा को सहती हुई अपने आप को स्थिर करने का एक पूरा...