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कल हरसूद, आज बक्सवाहा, कल जीवन स्वाहा

 अगस्त का अंक- आलेख आमंत्रित ठूंठ मानसिकता और दांव पर भविष्यदोस्तों राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ‘प्रकृति दर्शन’ पर अगला विषय है- ‘पहले हरसूद, अब बक्सवाहा, कल जीवन...

‘हर बूंद अमृत’

 दोस्तों मासिक पत्रिका ‘प्रकृति दर्शन’ जुलाई का अंक कुछ देरी से आया है...क्षमाप्रार्थी हैं...। यह अंक दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। पहला हिस्सा...

आज अभिनय खामोश हो गया…

 ख्यात अभिनेता दिलीप कुमार साहब का निधन हो गया...मन ये खबर सुनकर कुछ पल के लिए ठिठक गया। एक जगह ठहरकर बैठ गया क्योंकि आज...

जय नागड़ा- एक शानदार शख्सियत

 (आओ सोशल मीडिया को सामाजिक बनाएं-हम लोग )मैं आज आपको एक गहरे फोटोग्राफर, गहन पत्रकार और उससे भी कहीं बढ़कर एक शानदार चिंतन वाले इंसान...

‘प्रकृति दर्शन’ का जुलाई अंक सुंदरलाल बहुगुणा जी व बारिश पर (आलेख आमंत्रित)

 (अगले अंक के लिए आलेख आमंत्रित)राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ‘प्रकृति दर्शन’ का जुलाई 2021 का अंक दो हिस्सों में विभाजित है...1पहला हिस्सा पर्यावरणविद् स्व. सुंदरलाल बहुगुणा जी...

वह पहली दोपहर (लघुकथा)

लघुकथाअक्सर होता ये था कि पूरे साल में गर्मी का मौसम कब बीत जाता था पता ही नहीं चलता था क्योंकि घर के सामने रास्ते...

सवाल आक्सीजन का है ?

 प्रकृति दर्शन, राष्ट्रीय मासिक पत्रिका के जून माह के अंक का कवर पेज- सवाल आक्सीजन का है ?कवर बनाते समय खूब सोचा गया कि भयावह हालात...